अश्वगंधा का प्रयोग कई सदियों से दुनिया भर में उसके चमत्कारी फायदों के कारण किया जा रहा है। वैज्ञानिक भी इसके फायदे को औषधि के रूप में मानते हैं। माना जाता है कि अश्वगंधा का सेवन करना मानव के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है यह शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस के चमत्कारी फायदे के बारे में जानकारी होना आवश्यक है यही कारण है कि आज हम इस आर्टिकल में इसके फायदों के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह सेहत के लिए उपयोगी है लेकिन इसके सेवन की मात्रा को भी ध्यान में रखना चाहिए तथा इसका सेवन कितने मात्रा में किया जाना चाहिए यह भी जानकारी हम आपको देंगे हम आपको इससे हो सकने वाले नुकसान से भी रूबरू कराएंगे।
अश्वगंधा क्या होता है? ashvagandha kya hota hai?
अश्वगंधा एक प्रकार की जड़ी बूटी होती है। यह काफी सदियों से औषधि के रूप में प्रचलित हैं । इस जड़ी बूटी का उपयोग अश्वगंधा चूर्ण पाउडर और कैप्सूल्स बनाने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोमनीफेरा (withania somnifera) है।
अश्वगंधा क्या होता है? अश्वगंधा खाने के लाभ तथा साइड इफेक्ट? |
स्थानीय बोलचाल में अश्वगंधा को इंडियन जिनसेंग या इंडियन विंटर चेरी के नाम से भी पुकारा जाता है। अश्वगंधा का पौधा 35 से 75 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। अश्वगंधा की खेती मुख्य रूप से सूखे इलाकों में की जाती है जैसे राजस्थान, गुजरात, पंजाब व मध्य प्रदेश। अश्वगंधा का उत्पादन चीन और नेपाल में भी बहुत होता है। विश्व भर में तो इसकी लगभग ते 23 प्रजातियां मौजूद है लेकिन भारत में इसकी प्रमुख दो प्रजातियां मिलती है।
अश्वगंधा के औषधीय गुण क्या क्या है? ashvagandha ke aushadheey gun kya kya hai?
अश्वगंधा हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद औषधि के रूप में मानी जाती हैं। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट,
एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल, तथा हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करना और अच्छी नींद आना आदि गुण विद्यमान होते हैं। अश्वगंधा के सेवन से हमारे दिमाग की कार्यप्रणाली श्रेष्ठ हो सकती है।
एनसीबीआई के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अश्वगंधा का प्रयोग इम्यूनिटी को बढ़ाने, प्रजनन क्षमता बेहतर करने और तनाव को कम करने की औषधि के रूप में किया जा सकता है।
अश्वगंधा के फायदे? ashvagandha ke phaayade?
जैसा कि हमने अश्वगंधा के गुणों के बारे में आपको बताया है इसमें बहुत से गुण विद्यमान होते हैं जिनके सेवन से हमें अनेकों फायदे होते हैं। यही कारण है कि हम आपको आगे अश्वगंधा के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे लेकिन एक बात ध्यान रखने की यह है कि कोई भी गंभीर बीमारी होने पर आप अश्वगंधा के सेवन पर निर्भर नहीं रह सकते आपको डॉक्टर से इलाज अवश्य करवाना चाहिए चलो तो अब आपको इससे होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करना
अश्वगंधा के सेवन से आपको कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में मदद मिलती है क्योंकि यह टोटल कोलेस्ट्रॉल तथा ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है तथा इसके साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाने में सहायक होता है। कई शोधों में यह बात मानी गई है कि अश्वगंधा में विद्यमान हाइपोलिपिडेमिक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है
अनिद्रा दूर करने में अश्वगंधा के फायदे
आज के समय में अनिद्रा की समस्या बहुत होने लगी है यदि आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं क्योंकि 2017 में किए गए एक रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा के पत्तों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल यौगिक विद्यमान होता है जो अच्छी नींद दिलाने के लिए सहायक होता है इसी शोध के आधार पर हम कह सकते हैं कि अच्छी नींद के लिए हमें अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।
तनाव दूर करने के लिए
शरीर में कई बीमारियों का कारण तनाव की समस्या बन सकता है जैसा कि हमने आपको अश्वगंधा के गुणों में बताया कि अश्वगंधा में एंटी स्ट्रेस गुण विद्यमान होता है जोकि हमें तनाव से बचाने में सहायक होता है।
अश्वगंधा में एंटी स्ट्रेस का गुण सीटोइंडोसाइट्स एवं एसाईलस्टरीग्लूकोसाइड कंपाउंड के कारण पाया जाता है यह गुण तनाव से आराम दिलाने में मदद करता है यदि अब आपको कोई अश्वगंधा के सेवन का फायदा पूछें तो तनाव दूर करने के बारे में अवश्य बताएं।
यौन क्षमता में वृद्धि
अश्वगंधा बहुत ही शक्तिवर्धक औषधि मानी जाती है जो पुरुषों की यौन क्षमता को बेहतर बना सकती है। 2010 के एक शोध के अनुसार अश्वगंधा का सेवन करने से स्पर्म की गुणवत्ता तथा उनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती यह शोध स्ट्रेस के कारण हुई कमी को दूर करने पर किया गया।
कैंसर से बचाव में
अश्वगंधा में एंटीट्यूमर एजेंट बुद्धिमान होते हैं जो किसी भी ट्यूमर को पनपने से रोकने में सहायक होते हैं साथ ही अश्वगंधा का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के रूप में की जाने वाली कीमोथेरेपी से होने वाले नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में मदद करती है। हम आपको स्पष्ट कर दें कि कैंसर का इलाज अश्वगंधा से नहीं किया जा सकता लेकिन कैंसर से कुछ हद तक बचाओ मुमकिन है अगर किसी को कैंसर जैसी भयानक बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह पर इलाज के साथ अश्वगंधा का सेवन भी कर सकते हैं।
डायबिटीज से बचाव
अश्वगंधा का सेवन करने से डायबिटीज के खतरे को दूर रखा जा सकता है क्योंकि अश्वगंधा में विद्यमान हाइपोग्लाइसेमिक शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मददगार होता है। अश्वगंधा का प्रयोग वैज्ञानिकों द्वारा डायबिटीज से ग्रसित चूहे पर किया गया कुछ समय के बाद अश्वगंधा का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला यही कारण है कि अश्वगंधा को डायबिटीज से बचाव के लिए उपयोगी माना जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
यदि शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत नहीं होगा तो शरीर के लिए बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। अनेकों वैज्ञानिक अध्ययन में माना गया है कि अश्वगंधा के चूर्ण का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है क्योंकि अश्वगंधा में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव मौजूद होता है जो शरीर के आवश्यकता के अनुसार प्रतिरोधक क्षमता को बदल सकता है जिससे शरीर को अनेक प्रकार के रोगों से लड़ने में मदद मिलती है इसीलिए यह माना जाता है कि अश्वगंधा का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
थायराइड के लिए उपयोगी
थायराइड ग्रंथि गली में मौजूद तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो शरीर के लिए जरूरी हार्मोन का निर्माण करती है। यदि यह हार्मोन संतुलित ना हो तो शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लग जाता है जिस कारण से अनेक प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो जाती है इसी अवस्था को थायराइड कहते हैं।
जब थायराइड से ग्रसित चूहे पर वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किया गया इस अध्ययन में पाया गया की लगातार अश्वगंधा का प्रयोग दवा के रूप में करने पर थायराइड पर काबू पाया जा सकता है साथ ही में हाइपो थायराइड रोगियों पर भी अध्ययन किया गया जिसके अनुसार अश्वगंधा को थायराइड के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि अश्वगंधा का सेवन थायराइड के दौरान करना लाभकारी साबित हो सकता है लेकिन डॉक्टर की सलाह पर सेवन करना चाहिए।
आंखों की बीमारी के लिए
आज के डिजिटल युग में लगातार लोग आंखों की बीमारी से जूझ रहे हैं। मोतियाबिंद की बीमारी लगातार बढ़ रही है मोतियाबिंद से कई लोग अंधे तक हो सकते हैं इसलिए कुछ वैज्ञानिकों ने आंखों के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया इसके अनुसार अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण विद्यमान होता है जो मोतियाबिंद से लड़ने में सहायक हो सकता है। इस अध्ययन में पाया गया है कि मोतियाबिंद के खिलाफ अश्वगंधा का सेवन प्रभावशाली हो सकता है। अश्वगंधा मोतियाबिंद को बढ़ने से कुछ हद तक कम कर सकता है लेकिन आपको आंखों में प्रॉब्लम होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
अर्थराइटिस से बचाव
अर्थराइटिस एक बहुत ही पीड़ादायक बीमारी होती है जिससे मरीजों का चलना फिरना,उठना बैठना भी मुश्किल होता है। दरअसल 2014 में वैज्ञानिकों द्वारा चूहों पर किए गए अश्वगंधा के प्रयोग में बताया गया की अश्वगंधा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण विद्यमान होता है जिस वजह से अश्वगंधा की जड़ के रस से अर्थराइटिस पर नियंत्रण किया जा सकता है साथ ही में अर्थराइटिस से होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है। अर्थराइटिस के लिए अश्वगंधा का सेवन करना उचित है लेकिन डॉक्टर से उपचार भी अवश्य करवाएं।
याददाश्त बढ़ाने के लिए
आज की बदलती दिनचर्या तथा स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण हमारे मस्तिष्क की कार्य क्षमता को भी प्रभावित कर सकती हैं ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों के अनुसार अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि अश्वगंधा का सेवन करने से अच्छी नींद आती है जिससे कि हमारे मस्तिष्क को आराम का समय मिलता है जिससे वे और भी बेहतर तरीके से कार्य करता है।
मांसपेशियों को मजबूत करना
शरीर के लिए हड्डियों का मजबूत होने के साथ-साथ मांसपेशियों का मजबूत होना भी अति महत्वपूर्ण है। अश्वगंधा के सेवन करने से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ-साथ मांसपेशियों तथा दिमाग के बीच तालमेल भी बेहतर होता है। इसी कारण से जिम जाने वाले पहलवान अपनी डाइट में अश्वगंधा अवश्य जोड़ते हैं। अश्वगंधा कमजोरी को दूर करने तथा पैरों की मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने में सहायक होता है।
संक्रमण से बचाव करना
अश्वगंधा संक्रमण से हमारे शरीर को बचाए रखने में काफी सहायक होता है वैज्ञानिक जनों के अनुसार अश्वगंधा में एंटीबैक्टीरियल गुण विद्यमान होते हैं। अश्वगंधा के यह गुण बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने में काफी उपयोगी होते हैं। अश्वगंधा का रस सालमोनेला और ई कोली बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करता है। सालमोनेला बैक्टीरिया के कारण आंत संबंधी रोग और फूड पोइज़निंग हो सकती है। अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर के सभी अंगों में फैलने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है यही कारण है कि अश्वगंधा को इतना महत्व दिया जाता है।
हृदय रोग से बचाव
अश्वगंधा के अंदर कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण विद्यमान होता है जो हमारे हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सहायक होता है इसका कारण अश्वगंधा में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट, गुण को माना जाता है। इसी के साथ अश्वगंधा में उपस्थित हाइपोलिपिडेमिक गुण शरीर से कोलेस्ट्रॉल को कम करता है यह भी हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।
वजन कम करने में सहायक
अनेकों वैज्ञानिक अध्ययन में यह माना गया है कि अश्वगंधा का सेवन करने से भूख और वजन में कमी आती है अश्वगंधा की जड़ का अर्क तनाव को कम कर भोजन की तीव्र इच्छा को कम करता है जो वजन घटाने में मददगार साबित होता है। केवल अश्वगंधा का सेवन आपके वजन को कम नहीं कर सकता यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आप को नियमित रूप से व्यायाम तथा एक्सरसाइज करनी चाहिए।
चिंता और अवसाद के लिए
अश्वगंधा के सेवन से चिंता और अवसाद को हमसे दूर रखने में सहायता मिलती हैं अश्वगंधा में एंक्सियोलिटिक और एंटीडिप्रेसेंट जैसे गुण होते हैं किए गए अध्ययन में बताया गया है कि 5 दिनों तक अश्वगंधा का सेवन करने से चिंता कम करने की दवा जैसा असर देखने को मिलेगा। इसी कारण यह माना जाता है कि अश्वगंधा का सेवन चिंता और अवसाद को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
हमने आपको पहले भी बताया कि अश्वगंधा मैं एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है इसी आधार पर कह सकते हैं कि त्वचा में सूजन को कम करने के लिए अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद हो सकता है। त्वचा में इन्फेक्शन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बैक्टीरिया स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस होता है जिसके कारण चेहरे में सूजन हो जाती हैं इस इंफेक्शन के लिए जो बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है उसको बेअसर करने के लिए अश्वगंधा काफी उपयोगी होता है क्योंकि अश्वगंधा में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जहां भी त्वचा में सूजन है वहां पर अश्वगंधा के पेस्ट को लगाना चाहिए।
एजिंग से बचाव
अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण विद्यमान होता है जो हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण अश्वगंधा शरीर मैं उत्पन्न होने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर बढ़ती उम्र की निशानी झुर्रियों तथा ढीली त्वचा होने से बचाती है।
अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सूरज की पराबैंगनी किरणों से हो सकने वाले कैंसर से भी हमारी त्वचा को बचाती हैं अश्वगंधा का फेस पैक बनाकर त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
घाव भरने में सहायक
घाव भरने में सीधे तौर पर अश्वगंधा का प्रयोग नहीं किया जाता लेकिन अश्वगंधा के माध्यम से घाव पर बैक्टीरिया पनपने से रोक सकते हैं। अश्वगंधा में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल्स गुण घाव पर पनपने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर इंफेक्शन के खतरे को रोकते हैं। जिससे घाव भरने मे सहायता मिलती है। ध्यान रखने की बात यह है कि गहरा घाव लगने पर डॉक्टर से परामर्श आवश्यक हैं महज अश्वगंधा के सेवन पर या अश्वगंधा के लेप पर निर्भर नहीं होना चाहिए।
बालों के लिए फायदेमंद
अश्वगंधा के फायदों में बालों को स्वस्थ रखना तथा बालों को झड़ने से बचाना भी शामिल किया जा सकता है क्योंकि वैज्ञानिक शोध के अनुसार अनुवांशिक कारण या थायराइड के कारण झड़ रहे बालों को अश्वगंधा की सहायता से रोका जा सकता है। अश्वगंधा द्वारा बालों के मेलेनिन को बढ़ा सकते हैं जिसके कारण बालों का रंग बना हुआ रहता है।
बालों के सफेद होने से बचाव
आज के समय में देखा गया है कि छोटी उम्र में भी बालों का सफेद होना आम बात हो गई है अश्वगंधा की सहायता से आप अपने बालों को समय से पहले सफेद होने से बचा सकते हैं क्योंकि अश्वगंधा बालों में मेलेनिन की मात्रा को बढ़ाता है जिससे बालों में प्राकृतिक रंग बना रहता है।
अश्वगंधा का उपयोग कैसे करें
आपको बाजार में अश्वगंधा अनेक रूपों में मिल जाएगा सबसे ज्यादा अश्वगंधा पाउडर या चूर्ण के रूप में मिलता अश्वगंधा खाने के भी बहुत ही आसान तरीके हैं। अश्वगंधा को आप शहद पानी या फिर घी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। बाजार में अश्वगंधा कैप्सूल या अश्वगंधा का रस बहुत आसानी से मिल जाएगा आप उसका भी सेवन कर सकते हैं।
यदि इस जानकारी के बावजूद भी आपके मन में सवाल आता है की अश्वगंधा चूर्ण को कैसे उपयोग में ले तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। क्योंकि डॉक्टर व्यक्ति की समस्या तथा जरूरत के अनुसार उपयोग में कैसे लें की सलाह दे सकते हैं क्योंकि अश्वगंधा सेवन के फायदे बहुत होते हैं लेकिन कुछ नुकसान भी हो सकते हैं यही कारण है कि अश्वगंधा का सेवन करने से पहले इसके उपयोग करने का तरीका तथा मात्रा सब का पता होना अति आवश्यक है।
अश्वगंधा खाने के लिए क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?
अश्वगंधा जाने से पहले हमें इन सावधानियों पर ध्यान अवश्य देना चाहिए जो कि नीचे बताई गई हैं अन्यथा आप को अश्वगंधा खाने के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं तो आइए जानते हैं कि अश्वगंधा खाने से पहले क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए,
- अश्वगंधा काफी ज्यादा गर्म होते हैं इसलिए इनके अत्यधिक सेवन से हमें बचना चाहिए,
- जिन व्यक्ति को आज से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ता रहता है उन्हें इसके सेवन से अवश्य ही बचना चाहिए और यदि फिर भी वह इसका सेवन करना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें,
- अश्वगंधा का सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए और लंबे समय तक इसका सेवन करने से दूर रहना चाहिए यदि आपको लंबे समय तक इसका सेवन करना है तो आप एक बार पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।
- हमने ऊपर जाना है कि अश्वगंधा आने से पहले हमें क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए वह हम जान लेते हैं कि अश्वगंधा खाने से हमें क्या क्या नुकसान होने की संभावना ही रहती हैं तो आइए इनके बारे में चर्चा करते हैं।
अश्वगंधा खाने के नुकसान क्या क्या है?
बचपन के अत्यधिक सेवन से हमें कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं क्योंकि किसी भी चीज के अत्यधिक सेवन हमारे लिए लाभदायक कभी भी नहीं हो सकता है इसलिए कुछ नुकसान की आपको देखने को मिल सकते हैं तो आइए उनके बारे में चर्चा करते हैं
- अश्वगंधा के अत्यधिक सेवन से आप को दस्त जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- किन किन परिस्थितियों में अश्वगंधा का सेवन उल्टी जैसी समस्या भी उत्पन्न कर सकते हैं।
- गर्भावस्था के समय अश्वगंधा का सेवन नुकसानदायक माना जाता है और इससे अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
- अश्वगंधा के सेवन करते समय आपको शराब तथा अन्य नशीली चीजों से दूर रहना चाहिए यह हानिकारक हो साबित हो सकती है।
सारांश
आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि अश्वगंधा क्या है अश्वगंधा में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं इसी के साथ अश्वगंधा खाने के लाभ तथा इसके साइड इफेक्ट के बारे में विस्तार में बात की है आशा करते हैं आप को हमारे द्वारा दी गई है सभी जानकारी अच्छी लगी होगी इसे अपने दोस्तों में सांझा करना ना भूलें धन्यवाद।
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