चना क्या होता है? चने के प्रकार तथा होने वाले फायदे और नुकसान chane khane ke fayde aur nuksan

चना दिखने में जितना छोटा होता है इसका सेवन करना उतना ही फायदेमंद माना जाता है। आप जब भी कसरत या जिम ज्वाइन करते हैं तो आपको चना का सेवन करने की सलाह अवश्य दी जाती है। सुबह खाली पेट भीगे हुए चने का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए उचित माना जाता है तथा अंकुरित आहार में चने को बहुत महत्व दिया जाता है। क्योंकि यह छोटा सा चना फाइबर और प्रोटीन से बड़ा होता है और साथ ही चने में कैल्शियम तथा फास्फोरस भी भरपूर मात्रा में विद्यमान होता है। 

चना क्या होता है? चने के प्रकार  तथा होने वाले फायदे और नुकसान chane khane ke fayde aur nuksan

चना हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है तथा हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और साथ में ही रोगों से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने का मादा रखता है। आज के हमारे इस लेख में आपको चना के सेवन से होने वाले फायदे (chane khane ke fayde ) तथा इसके सेवन के तरीके की जानकारी मिलेगी। चना से जुड़ी सभी जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
chane khane ke fayde aur nuksan
 chane khane ke fayde aur nuksan

चना क्या होता है?

चना एक प्रकार का खाद्य पदार्थ होता है जो कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। चना का वैज्ञानिक नाम साइरस ड्रेट,प्रोटीन,फाइबर,विटामिन बी के अलावा भी महत्वपूर्ण पोषक तत्व विद्यमान होते हैं। चने का सेवन आमतौर पर अनेक प्रकार से किया जा सकता है जिसके बारे में जानकारी आपको नीचे लेख में दी जाएगी।

चने के प्रकार

एरिटीम होता है। यह एक पूरी दुनिया में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण दलहन है। चना में कार्बोहाइमुख प्रकार
चने के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं।

काबुली चना – 

चना का आकार देसी चने की तुलना में बड़ा होता है और इसका रंग हल्का बादामी रंग का होता है।

देसी चना– 

देसी चना का आकार काबुली चना की तुलना में छोटा होता है और इसका रंग भी गहरा भूरा रहता है।
चने के प्रकार के बारे में जानने के बाद हम चने से होने वाले फायदे के बारे में जानेंगे लेख को पूरा पढ़ें।

चना खाने से होने वाले फायदे

चना आकार में जितना छोटा होता है उसके फायदे उतने ही ज्यादा होते हैं।चना का काम सिर्फ पेट भरना नहीं होता है क्योंकि जना हमारे शरीर के लिए और भी कई प्रकार से फायदेमंद साबित होता है। चना कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने मैं शरीर की सहायता करता है लेकिन ध्यान रखने योग्य बात यह है की चना किसी भी रोग का पूर्ण इलाज नहीं है। लेकिन हां शरीर को अनेक प्रकार के बीमारी से बचाने तथा स्वस्थ रखने के लिए आप चना का सेवन अवश्य कर सकते हैं। चना का सेवन से आप किन किन बीमारियों से बच सकते हैं नीचे बताया गया है।

ब्लड शुगर (रक्त शर्करा)

चना का सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में आसानी होती है शोध के अनुसार शरीर में बनने वाले अतिरिक्त शुगर को कम करने का काम चना द्वारा किया जाता है। डायबिटीज का एक प्रमुख कारण भूख अधिक लगना होता है और चना भूख को कम करने का काम करता है क्योंकि चना में फाइबर व्हे प्रोटीन जैसे पोषक तत्व विद्यमान होते हैं।

मजबूत पाचन तंत्र

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन तंत्र का मजबूत होना बहुत जरूरी है। चना हमारी पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि चना में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है इसलिए चना का सेवन करके पेट संबंधी बीमारियों जैसे गैस,कब्ज आदि से बचा जा सकता है। चना का सेवन कैंसर के जोखिमों को भी कम कर देता है पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए अंकुरित चने उपयोगी होते हैं। आप रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चने खा सकते हैं स्वस्थ शरीर के लिए।

वजन कम करने में उपयोगी

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में वजन बढ़ना आम बात होती जा रही है यदि आप भी मोटापे से परेशान हैं तो आपको भी अपनी डाइट में अंकुरित चने शामिल अवश्य करने चाहिए जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिसके कारण हमें भूख कम लगती है तथा यह वजन को नियंत्रित करने या घटाने में सहायता करता है। चना में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो अतिरिक्त मोटापे को नियंत्रित कर सकता है। यदि चना को गला कर छिलके के साथ सेवन किया जाए तो यह पचने में बहुत समय लेता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता है। चना हमारे मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है जो भी वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण होता है अतः यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको चना का सेवन अवश्य करना चाहिए।

कैंसर से बचाव

सेवन करने से डायबिटीज तथा वजन कम करने में सहायता मिलती है तथा साथ ही इसका सेवन करना कैंसर जैसी बीमारी से बचाव करने में उपयोगी होता है। अध्ययन के अनुसार चने में ब्यूटीरेट नमक फैटी एसिड उपस्थित होता है जो हमारे शरीर में कोशिकाओं की संख्या की वर्दी को दबाने तथा एपॉप्टोसिस (सेल मृत्यु) को बढ़ाकर कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव करने में मदद करता है। इसके साथ ही चने में विद्यमान लाइकोपिन, बायोइकनिक ए, जैसे बायो एक्टिव कंपाउंड कैंसर से बचाव करने में मददगार होते हैं। लेकिन आपको हमेशा ध्यान रखना है कि चना कैंसर का इलाज नहीं है इसका सेवन करने से आप कैंसर से बच सकते हैं यदि कोई कैंसर जैसी भयानक बीमारी की चपेट में आ चुका है तो उनको डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।

हार्ट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी

हृदय के लिए चना का सेवन करना बहुत फायदेमंद साबित होता है क्योंकि चना में फाइबर, पोटेशियम और विटामिन सी व विटामिन बी6हैं जैसे  पोस्टिक तत्व विद्यमान होते हैं। चना में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है जो हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण होता है। की गई शोध के अनुसार चने में मौजूद पोटेशियम का फाइबर हृदय रोगों को रोकने के लिए उपयोगी हो सकते हैं। चेन्नई में मौजूद फोलेट हृदय को स्वस्थ रखता है, हरदी को नुकसान पहुंचाने वाले होमोसिस्तिन् नामक अमीनो एसिड को बेअसर करने के लिए चना उपयोगी होता है।

आंखों के लिए उपयोगी

चने का सेवन करना आंखों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। चना में कैरोटीन नामक तत्व भरपूर मात्रा में विद्यमान होते हैं जो आंखों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। आंखों से जुड़े किए गएअध्ययन में पाया गया है कि  ए एम डी (आंखों का रोग जिसमें आंखों की रोशनी चली जाती है) के खतरों को कैरोटीन के द्वारा कम किया जा सकता है इसके अलावा चने में विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए उपयोगी रहता है।

हड्डियों के लिए

चना का सेवन करना हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है खास तौर पर काबुली चना को बहुत फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है और कैल्शियम हड्डियों के लिए अति आवश्यक तत्व है। हड्डियों को मजबूत बनाने तथा स्वस्थ बनाए रखने मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है हमारे शरीर के द्वारा कैल्शियम का निर्माण संभव नहीं है अतः हमें कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। चने का सेवन करके कैल्शियम की मात्रा पूरी की जा सकती है।

एनीमिया से बचाव के लिए

एनीमिया जैसी घातक बीमारी से बचाने में भी जनाब काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इनमें आज जानलेवा बीमारी है जो अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। एनीमिया रोग के कारण शरीर में आरबीसी यानी लाल रक्त कणिका का विकास नहीं हो पाता है और एनीमिया रोग होने का सबसे बड़ा कारण आयरन की कमी होना होता है। चना आयरन से भरपूर होता है यही कारण है कि चना का सेवन एनीमिया से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। चने के साथ गुड़ का सेवन करना  अच्छा रहता है। यह दोनों हमारे शरीर में आयरन की कमी को पूरा करते हैं। गुड चने का सेवन करना बच्चों के लिए फायदेमंद होता है यह हमारे शरीर को एनर्जी तो देता ही है साथ में इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। गुड़ चने को सुपर फूड कोंबो भी कह सकते हैं।

गर्भावस्था में उपयोगी

गर्भवती महिलाओं को काबुली चने का सेवन करना चाहिए जिससे उनको कई फायदे देखने को मिलेंगे। क्योंकि इसमें फोलेट उपस्थित होता है यह एक विटामिन बी होता है बच्चे तथा मां दोनों के लिए आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था से पहले फोलिक एसिड का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से बच्चे के मस्तिष्क या रीड से जुड़े दोषों को रोकने में सहायता मिलती है।
इसके साथ-साथ चने में आयरन प्रोटीन जिंक वे कैल्शियम जैसे प्रमुख पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं इसीलिए चने का सेवन करना गर्भावस्था के दौरान आवश्यक माना जाता है।

महिलाओं में हार्मोन को नियंत्रित करना

चना में एंटीऑक्सीडेंट गुण विद्यमान होता है जो रजोनिवृत्ति (उम्र बढ़ने के साथ साथ ओरिजिनल हार्मोन में कमी) और रजोनिवृत्ति के बाद शरीर पर पड़ने वाले नकारात्मक लक्षणो को दूर करने का उच्चतम प्राकृतिक तरीका साबित हो सकता है। चना पर किए गए अध्ययन के अनुसार चना रजोनिवृत्ति के लक्षणों के उपचार के लिए सहायक होता है।

सूजन से राहत दिलाने में

दर्द व सूजन से राहत दिलाने में चना फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार हाइपो कैलोरी डाइट यानी कम कैलोरी युक्त आहार के साथ चना का सेवन दर्द में सूजन से राहत दिलाने में उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा चेन्नई में पाए जाने वाले फाइबर,विटामिन ए,सी वे बी 6 जैसे पोषक तत्व सूजन को कम करने के तथा दर्द से निजात दिलाने में सहायक होते हैं।

प्रोटीन से भरपूर

चना में अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन भी बहुत अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। एक कप चना में लगभग 14 से 15 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है। हमारे शरीर के कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने तथा मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक तत्व होता है। त्वचा,बाल,मस्तिष्क की कोशिकाएं,मांसपेशिया सभी के लिए प्रोटीन आवश्यक हैं शरीर की कोशिकाओं के विकास तथा उनकी मरम्मत के लिए प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है। बच्चों,युवाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी होता है। प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए नियमित रूप से चने का सेवन करना चाहिए।

पोषक तत्वों की भरमार

हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है उनमें से अधिकतर पोषक तत्व चना में मौजूद होते हैं। चना में जिंक, मैग्नीज,मैग्नीशियम,आयरन,विटामिन बी, विटामिन ए आदि प्रचुर मात्रा में होते हैं। एनीमिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए आयरन उपयोगी होता है, वही मैग्नीज वे मैग्नीशियम पता कैल्शियम जैसे तत्व हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। विटामिन ए आंखों के लिए उपयोगी होते हैं जो मोतियाबिंद जैसी भयानक बीमारी से आंखों का बचाव करते हैं।

एजिंग और झुर्रियों के लिए उपयोगी

चने का सेवन करने के कई फायदे त्वचा पर देखे जा सकते हैं। चना में मौजूद मैग्नीज चेहरे से झुर्रियों को हटाकर इचिंग के प्रभाव को कम करता है साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ए भी त्वचा के लिए उपयोगी होता है। चना में उपस्थित विटामिन सी हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि विटामिन सी कोलेजन को बढ़ा देता है जिससे त्वचा स्वस्थ बनी रहती है किसके साथ साथ विटामिन सी सूर्य की हानिकारक किरणों से हमारी त्वचा की रक्षा करता है। चने का सेवन करना मरते बचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है आप इसका सेवन हर सुबह कर सकते हैं।
सुंदर त्वचा के लिए आप चने का सेवन करने के साथ-साथ इसका लेप बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं हम आपको नीचे बताएंगे कि लेप कैसे बनाएं।

सामग्री

नींबू का रस 5 से 6 बूंदे
दो चम्मच चना का पाउडर
एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर
आवश्यकता के अनुसार पानी मिलाएं

बनाने की विधि

एक कटोरी में चना पाउडर तथा हल्दी पाउडर को डाले।
इसका पेस्ट बनाने के लिए इसमें पानी मिलाएं
इस पेस्ट में नींबू का रस डालें।
इस मिश्रण से तैयार हुए फेस पैक को अपने चेहरे पर 10 से 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें।
10 से 15 मिनट के बाद अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो ले।

बाल झड़ने से रोकता है

अक्सर देखने को मिलता है की प्रोटीन की कमी के कारण बाल झड़ने लग जाते हैं। चने में प्रोटीन जिंक और आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है जो बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसके अलावा भी चने में कई पोषक तत्व विद्यमान होते हैं जो बालों को मजबूत तथा स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं।
चने के फायदे के बारे में जाने के बाद हम चने में मौजूद पौष्टिक तत्व कौन कौन से हैं यह आपको नीचे बताएंगे।

 चने के उपयोग के तरीके

आजकल बाजारों में चना वर्ष भर मिलता है इसे आप अपनी नजदीकी किराने की दुकान या सुपरमार्केट से खरीद सकते हैं। चने का सेवन भी प्रकार से किया जा सकता है नीचे इन तरीकों के बारे में हम आपको बताएंगे जो आप अपना सकते हैं।
  • चने को भुनकर नाश्ते के समय
  • चने का सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं
  • जिस प्रकार अन्य सब्जियां बनती है उसी प्रकार चने की सब्जी भी बना सकते हैं।
  • चने को उबालकर भी सेवन कर सकते हैं।
  • चना को रात भर पानी में भिगोकर रख दें सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।
  • चना को लंबे समय के लिए पानी में भिगोकर रखने पर यह अंकुरित हो जाते हैं तथा इनका सेवन करना बहुत उचित माना जाता है।

चने का चयन करना

चने का चयन करते समय हमेशा सूखे चने का चयन करें तथा खरीदते समय यह देख ले कि चने पूरी तरह सूखे हो तथा सभी चनों का रंग एक समान होना चाहिए। आप कम सोडियम वाले डिब्बों में बंद चनों का चुनाव भी कर सकते हैं।

लंबे समय तक सुरक्षित रखना

चने को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए हमेशा एक बंद कंटेनर में तथा कमरे के तापमान पर स्टोर किया जाना चाहिए। चने को नमी तथा पालतू जानवरों से बचा कर रखना चाहिए।

चने खाने से होने वाले नुकसान

चेने का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है लेकिन हमारे स्वास्थ्य को इतना लाभ देने वाला चना स्वास्थ्य पर कुछ दुष्प्रभाव भी डाल सकता है। यदि एक निश्चित मात्रा में इसका सेवन किया जाएगा तो यह फायदेमंद होगा क्योंकि चने के पौधे में ओलिगोसैकेराइड उपस्थित होते हैं जीने जटिल शर्करा किया गैलेक्टन कहते हैं जिन्हें पचाना शरीर के लिए थोड़ा मुश्किल होता है इन शर्करा को पचाने के लिए एंजाइम की अधिक आवश्यकता पड़ती है। इसलिए चने का ज्यादा सेवन कुछ लोगों को आंतों की गैस का प्रमुख कारण बन जाती है अतः चने का अधिक मात्रा में सेवन करना उचित नहीं होता है।

पेट की समस्याएं- 

चने में फाइबर अधिक होता है इसीलिए चने का ज्यादा सेवन करने पर गैस, पेट में सूजन की समस्या देखने को मिलती है।

एलर्जी होना-

कई लोगों को चेन्नई से एलर्जी हो जाती है जिनमें से ऐनाफ्लेक्सिस एक जानलेवा एलर्जी होती है जिसके कारण नाक व होठों में सूजन, पेट दर्द और उल्टी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

सारांश- 

आज के इस लेख में हमने आपको चने से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध कराई हैं चना में उपस्थित सभी पौष्टिक तत्वों के बारे में तथा चना के सेवन से होने वाले फायदे तथा उनसे हो सकने वाले नुकसान (  chane khane ke fayde aur nuksan ) के बारे में समस्त जानकारी आपको इसलिए द्वारा दी गई है आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताएं अपने दोस्तों तक यह जानकारी अवश्य पहुंचाएं लेख पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।

FAQ

Q1. चना का वैज्ञानिक नाम क्या होता है?
चना कावैज्ञानिक नाम साइरस एरिटिनम है।
 Q2. चना के नुकसान भी होते हैं क्या?
जी हां यदि आवश्यकता से अधिक चना का सेवन किया जाता है तो इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
Q3. चना का सेवन कौन-कौन कर सकते हैं?
चना का सेवन सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं बच्चों, युवाओं, गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है।
Q4. चना का सेवन किस के साथ करना ज्यादा उपयुक्त होता है?
वैसे तो चना का सेवन किसी के भी साथ करना उचित होता है लेकिन चना का सेवन गुड़ के साथ किया जाए तो इसके बहुत अधिक लाभ मिलते हैं इन दोनों को सुपर फूड कोंबो के नाम से भी जानते हैं।
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